प्रस्तुत पुस्तक मे पर्यावरण के भौगोलिक पक्षों का न केवल सेध्दान्तिक अपितु व्यावहारिक पक्ष भी प्रस्तुत किया गया है | इसमें वैश्विक स्वरुप के साथ भारत के पर्यावरणीय परिदृश्य का भी समुचित विवेचन किया गया है | यह पुस्तक ना केवल पर्यावरण एवं उसके प्रभावों के स्थानिक स्वरूप को स्पस्ट करता है अपितु उन सम्पूर्ण पर्यावरणीय समस्याओ का भी अध्ययन करता है जिनको लेकर आज सम्पुर्ण विश्व चिंतित है | यह अध्ययन एकांगी ना होकर बहुआयामी और अंतरविषयी है तथा इसके माध्यम से पर्यावरण प्रबंधन को एक नई दिशा प्रदान की जाती है जो संघृत विकास का मार्ग प्रशस्त करती है |