TY - BOOK AU - सिंह, सुधा AU - त्रिपाठी, मिथिलेश कुमार TI - आधुनिक भाषा की रूपरेखा SN - 9789382998709 U1 - 81-116"654" PY - 2022/// CY - नई दिल्ली PB - शिवांक प्रकाशन KW - भाषा की विविधिता KW - राष्ट्रभाषा और संपर्क भाषा KW - भारत की भाषा समस्या KW - भाषा विज्ञान N1 - वस्तुतः जितने व्यक्ति है, उतनी भाषाएँ है, कारण यह है कि किन्ही दो व्यक्तियों के बोलने का ढंग एक नही होता | इसका प्रमाण यह है कि अन्धकार मे भी किसी की वाणी सुनकर हम उसे पहचान लेते है| यह अंतर केवल बोलने के ढंग से ही नहीं, उच्चारण, शब्द भण्डार, यहा तक की वाक्या विन्यास मे भी देखा जाता है | भाषा के तीन रूप होते है वाणी, भाषा और अधिभाषाय अथार्त भाषा की स्थिति तीन प्रकार स संभव है -- व्यक्ति मे, समुदाय मे, और सामान्य अमूर्त रूप मे | सामान्य या अमूर्त रूप भाषा की वेह व्यापकता है जिस्म भेद का अवकाश नहीं है | ER -