भारत का सम्पूर्ण इतिहास ( खण्ड-2 )
- नई दिल्ली शिवांक प्रकाशन 2022
- 216p.
हमारी संस्कृति बहुत ही सरल और शीघ्रता से आत्मसात होने वाली है साथ ही विस्तृत एवं अगाध भी है जिसमे हजारो तूफ़ान आने के बाद हिलोर तक नही उठती| हमारी संस्कृति "जिओ और जीने दो" के साथ हर आगन्तुक को "अतिथि देवो भव:" के भाव से ह्रदय से सम्मान और आश्रय देने वाली रही | इसी आदशर्ता के कारण यहाँ समय-समय पर ढेरो संस्कृति और सभ्यताओ का उदय हुआ |