000 | 02169nam a22002177a 4500 | ||
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005 | 20230818102533.0 | ||
008 | 221209b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788131611258 | ||
082 |
_a91(076.5) _bमि 66 प्रा |
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100 | _aमिश्रा, आर. एन. | ||
245 |
_aप्रायोगिक भूगोल के मूलतत्व : _b(बी. ए./ बी. एस. सी. कक्षाओं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए) |
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260 |
_aजयपुर _bरावत पब्लिकेशन्स _c2020 |
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300 |
_ax, 399p. _b+ जयपुर एवं मध्य प्रदेश का मानचित्र |
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500 | _aइस पुस्तक मे कुल 20 अध्याय है जिसमे मानचित्र-कला के विकास, मानचित्र,मापनी, उच्चावच निरूपण, भुभिर्क मानचित्र, मानचित्र प्रश्रेप, सांख्यिकीय विधिय एवं आकडो का निरूपण आदि आधारभूत सामग्री के साथ ही मौसम मानचित्र, स्थाल्कृतिक पत्रक एवं भोगोलिक सुचना तन्त्र को भी समाहित किया गया है| चेत्रिय अध्ययन के लिए बिभिन्न सर्वेक्षण विधियों के अलावा सामाजिक- आर्थिक सर्वेक्षण की रूपरेखा को भी उदाहरण सहित नुए कलेवर मे प्रस्तुत किया गया है | | ||
650 | _aमानचित्र-कला | ||
650 | _aमानचित्र प्रश्रेप | ||
650 | _aभोगोलिक सुचना तंत्र | ||
650 | _aसुदूर सवेंदन तकनीक | ||
700 | _aशर्मा, पी. के. | ||
942 | _cBK | ||
999 |
_c11322 _d11322 |