000 | 01659nam a22002057a 4500 | ||
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005 | 20230814125419.0 | ||
008 | 230324b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789380801490 | ||
082 |
_a94(540) _bमि 66 भा |
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100 | _aमिश्र, भारतेश कुमार | ||
245 | _aभारत का सम्पूर्ण इतिहास ( खण्ड-2 ) | ||
260 |
_a नई दिल्ली _b शिवांक प्रकाशन _c2022 |
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300 | _a216p. | ||
500 | _aहमारी संस्कृति बहुत ही सरल और शीघ्रता से आत्मसात होने वाली है साथ ही विस्तृत एवं अगाध भी है जिसमे हजारो तूफ़ान आने के बाद हिलोर तक नही उठती| हमारी संस्कृति "जिओ और जीने दो" के साथ हर आगन्तुक को "अतिथि देवो भव:" के भाव से ह्रदय से सम्मान और आश्रय देने वाली रही | इसी आदशर्ता के कारण यहाँ समय-समय पर ढेरो संस्कृति और सभ्यताओ का उदय हुआ | | ||
650 | _a भारतीय इतिहास | ||
650 | _a जातिगत आंदोलन | ||
700 | _a त्रिपाठी, सच्चीदानन्द | ||
700 | _a श्रीवास्तव, वीरेन्द्र कुमार | ||
942 | _cBK | ||
999 |
_c11437 _d11437 |