000 | 01595nam a22002297a 4500 | ||
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005 | 20230814153427.0 | ||
008 | 230720b|||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788171642328 | ||
082 |
_a523.31:556 _bभा 3 अ |
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100 | _aमुरकुटे, योगेश | ||
245 | _aअवनिजल | ||
260 |
_aनई दिल्ली _bभारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् _c2022 |
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300 | _aix, 180p. | ||
500 | _aजल इस शब्द का महत्त्व अनन्य साधारण है l इस धरा की सजीव सृष्टि सजल है l अगर हम वैश्विक इतिहास जानने की कोशिश करते हैं तो एक बात सहजतापूर्वक हमारे ध्यान में आती है कि राष्ट्र, राज्य एवं गाँवों की वसाहत पानी के स्रोतों के अगल बगल हुई है l राजकीय सामाजिक आध्यात्मिक एवं आर्थिक समीकरण पानी के शर्तों पर अवलंबित थे l | ||
650 | _aभूपृष्ठीय जल | ||
650 | _aभूजल - भूविज्ञान | ||
650 | _aजल प्रदूषण | ||
650 | _aवर्षा - जल संचयन | ||
700 | _aकलेढोणकर, एम. जे. | ||
700 | _aचौधरी, एस. के. | ||
942 | _cG | ||
999 |
_c11462 _d11462 |