000 03514nam a2200205Ia 4500
005 20231017120656.0
008 221122s9999 xx 000 0 und d
082 _a615.3
_bकें 27 वै
100 _aकेंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद
245 0 _aवैद्य मनोरमा :
_bवैद्यवर श्री कालिदास विरचिता
260 _bकेंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद
_aनई दिल्ली
_c2005
300 _axxiii, 135p.
500 _aवैद्य मनोरमा मलयालम मे लिखित एक अनूठी पुस्तक है | इस पुस्तक के रचियता भिषग्वर कालिदास है जो केरल के निवासी थे, क्योकि इस पुस्तक मे वर्णित औ औषध योगो मे केरल मे प्रसिध्द औषध द्रव्यों का समावेश है | इस पुस्तक मे अध्यायों को पटल शीर्षक से प्रस्तुत किया गया है| इसमें कुल 20 पटल है जिनमे मुख्यतः ज्वरादि रोगों की चिकित्सा वर्णित है| इसमें क्वाथ, चूर्ण, तल, घृत, लेप, धुप, वती, स्वरसादि के रूप मे भुत सी औषधिया दि गयी है| प्रारंभ के क्वाद्श पटल मे गर्भिणी चिकित्सा के अंतर्गत गर्भस्त्राव,गर्भपात, बिलम्बित प्रसव, मूढगर्भ चिकित्सा तथा इच्छित पुत्र या पुत्री प्राप्ति के निमित उपयोगी योगो तथा चिकित्सा का वर्णन है | इनके अतिरिक्त दुसरे पटलो मे बालचिकित्सा, रह चिकित्सा, विष चिकित्सा एवं अक्षिकर्णादि रोगों की चिकित्सा का वर्णन है | अंतिम पटल मे रसायन वाजीकरण का वर्णन है | इस प्रकार इस ग्रन्थ मे आयुर्वेद के अस्तांगो का वर्णन दिया गया है| इस ग्रन्थ मे कतिपय समान व्याधियो को एक ही अध्याय मे प्रस्तुत किया गया है, यथा-शोफ़-विस्फोट-शिवत्रकुस्ठाधिकार-मूत्रकृच्छ-प्रमेह-सोमरोगाधिकार इत्यादि |
650 _aज्वर चिकित्साधिकार
650 _aअस्थिस्राव सोम-रोगाधिकार
650 _aश्वास कासहिक्काधिकार
650 _aकामलाधिकार
942 _cG
942 _n0
999 _c9935
_d9935