000 | 03173nam a2200181Ia 4500 | ||
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005 | 20231009165059.0 | ||
008 | 221122s9999 xx 000 0 und d | ||
082 |
_a615.3 _bके 27 वै |
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100 | _aकेंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद | ||
245 | 0 | _aवैद्यक संग्रह | |
260 |
_bकेंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद _aनई दिल्ली _c2005 |
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300 | _a20p. | ||
500 | _aप्रस्तुत पुस्तक मे लेखक ने चिकित्सोप्योगी कतिपय योगो का अपनी चिकित्सा सुविधा की दृष्टि से संग्रह किया है | इसमें दिए गये योग स्वानुभूत हो सकते है क्योकि संग्रह ग्रंथो मे दिए गये मूल योग के पाठ से कई भिन्नता प्रतिथोती है. लेखक ने योग को जिस तरह बनाया होगा या किसी चिकित्सक ने प्रयोग करते हुए बनाया होगा उसी रूप मे यहाँ लिख दिया है | कहीं कहीं योग को स्पस्ट करने के लिए अनुवाद के समय पुस्तक क मूल पाठ लो भी यहाँ टिपण्णी मे दे दिया है. यह पुस्तक राजस्थानी, गुजराती मिश्रित भाषा मे लिखी गयी है, जिसका यहां सरल हिन्दिमै चिकित्सको के लिए अनुवाद किया है | इससे लेकख के ग्रंथ लिखने का मन्तव्य भी प्रकट को सकेगा | मूल पुस्तक मे चूर्ण एवं अवलेहो का विशेष संग्रह है तथापित कुछ उपयोगी भस्म, अंजन तिलक, रजत, अभार्क आदि की निर्माण विधि, कुछ रस यथा वातपीडाहर रस, आनन्द भैरवरस आदि की भी निर्माण विधि एवं उपयोग बताया है| चूर्ण एवं पाक निर्माण विधि एवं उपयोग का मूल पाठ वैध योग चिन्तामणि से मिलते जुलते है | | ||
650 | _aआयुष - आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिध्द और होम्योपैथी विभाग | ||
650 | _aविभिन चूर्ण विधि | ||
942 | _cG | ||
942 | _n0 | ||
999 |
_c9936 _d9936 |