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मुरकुटे, योगेश

अवनिजल - नई दिल्ली भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् 2022 - ix, 180p.

जल इस शब्द का महत्त्व अनन्य साधारण है l इस धरा की सजीव सृष्टि सजल है l अगर हम वैश्विक इतिहास जानने की कोशिश करते हैं तो एक बात सहजतापूर्वक हमारे ध्यान में आती है कि राष्ट्र, राज्य एवं गाँवों की वसाहत पानी के स्रोतों के अगल बगल हुई है l राजकीय सामाजिक आध्यात्मिक एवं आर्थिक समीकरण पानी के शर्तों पर अवलंबित थे l

9788171642328


भूपृष्ठीय जल
भूजल - भूविज्ञान
जल प्रदूषण
वर्षा - जल संचयन

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