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ठाकुर, सूरत

ब्यासा की यात्रा कथा (Byasa ki Yatra Katha) - दिल्ली शिवांक प्रकाशन 2024 - vii, 236p.

उत्तर भारत मे बहती नदिया गंगा, यमुना, सरस्वती ब्र्हमापुत्रा, सतुलज, ब्यासा, रावी, झेलम, चिनाव और सिन्धु हजारो वर्षो से हिमाच्छादित हिमालय पर्वत के आँचल से निकलती है| इन्ही के तट पर देश की संस्कृतिया और सभ्यताय अस्तित्व मे आई| आज बड़े-बड़े शहर इन्ही नदियों के तट पर विकसित हुए है| इनमे से एक नदी है ब्यासा | वैदिक काल के ऋषि जन्मदिन ने इसका नाम रखा था अर्जिकिया| बही अर्जिकिया बाद मे वशिस्ट ऋषि को पाश से मुक्त करवाने के कारण बिपाशा कहलाई| उच्चारण भेज से भिपाषा ब्यास के नाम से प्रचलित हुई |

9789387774353

556.53B / ठा 30 ब्या
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