प्रायोगिक भूगोल के मूलतत्व : (बी. ए./ बी. एस. सी. कक्षाओं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए)
Material type: TextPublication details: जयपुर रावत पब्लिकेशन्स 2020Description: x, 399p. + जयपुर एवं मध्य प्रदेश का मानचित्रISBN: 9788131611258Subject(s): मानचित्र-कला | मानचित्र प्रश्रेप | भोगोलिक सुचना तंत्र | सुदूर सवेंदन तकनीकDDC classification: 91(076.5)Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Books | NIH Rorkee Library | 91(076.5) मि66प्रा (Browse shelf (Opens below)) | Available | 12294 |
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910(540) R16I Introducing India: A glimpse of the past and present | 910(545.4) N37H Himachal Pradesh: The land and people | 910:551.324(235) N37H Himalayan rivers, lakes and glaciers | 91(076.5) मि66प्रा प्रायोगिक भूगोल के मूलतत्व : (बी. ए./ बी. एस. सी. कक्षाओं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए) | 911.2(235.24) J68K Kumaun Himalaya: A geographical perspective on resource development | 911.3(282.253) D11O Oh mother Narmada: On the hot trail of a controversey | 911.3(540.27) G96U Uttarakhand: Past, present and future |
इस पुस्तक मे कुल 20 अध्याय है जिसमे मानचित्र-कला के विकास, मानचित्र,मापनी, उच्चावच निरूपण, भुभिर्क मानचित्र, मानचित्र प्रश्रेप, सांख्यिकीय विधिय एवं आकडो का निरूपण आदि आधारभूत सामग्री के साथ ही मौसम मानचित्र, स्थाल्कृतिक पत्रक एवं भोगोलिक सुचना तन्त्र को भी समाहित किया गया है| चेत्रिय अध्ययन के लिए बिभिन्न सर्वेक्षण विधियों के अलावा सामाजिक- आर्थिक सर्वेक्षण की रूपरेखा को भी उदाहरण सहित नुए कलेवर मे प्रस्तुत किया गया है |
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