जल संसाधन भूगोल
Material type: TextPublication details: जयपुर रावत पब्लिकेशन्स 2017Description: 408pISBN: 9788170339755Subject(s): भूगोल | जल संसाधन | भूगोल-जल संसाधनDDC classification: 556:91Item type | Current library | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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Books | NIH Rorkee Library | 556:91 गु96ज (Browse shelf (Opens below)) | 1 | Available | 12297 |
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भूगोल विषय के नूतन आयामों मे जल संसाधन भूगोल एक नविन शाखा के रूप मे विकसित हुआ है जो जल के विश्व्यापी वितरण तथा इसके गुणात्मक व मात्रात्मक दोनों पक्षों को स्पष्ट करते हुए जल के पोशानीय उपयोग पर बल देता है| प्रकृति मैजक की अधिकता एवं कमी दोनों संकट का कारण बनती है, लकिन विश्व मे इसके संतुलन का आधारः कहि भी नहीं मिलता है| यघपि जलीय चक्र इस परिसंचरण को संयोजित करने वली महतवपूर्ण कड़ी है | मानव द्वारा जल के अविवेकपूर्ण उपयोग करने से हर कहि जल संकट उद्भूत हुआ है, जो मानव के पर्यवार्नीय, सामाजिक तथा आर्थिक परिवेश स संबंधित है |
प्रकृति मे जल की अधिकता एवं कमी दोनों स्थितियों मे जल प्रबंधन की पारम्परिक v वैज्ञानिक विधियों की विवेचना प्रस्तुत पुस्तक मे की गयी है, जिस्म जक के कृषि, घरेलु तथा उध्योगो मे उपयोग, जल-फसल सहसंबंध, जल प्रदुषण, नदी जल के राष्ट्रिय एवं अन्तर्राष्ट्रीय विवादों तथा अन्त्बेर्सिन जल स्थानातंरण की नविन रूपरेखा पर प्रकाश दल्ल्क्र पुस्तक को न केवल स्नातक एवं स्नातकोतर कक्षाओ के लिए वरन प्रतियोगी परीक्षाओ के विद्यार्थियों के लिय्ले भी उपयोगी बनाया गया है | आशा है, यह पुस्तक एक नवीन एवं अघतन पाठ्यसामग्री के साथ एक अनुपम कृति सिद्ध होगी |
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