वैदिक पणि जन और उनके ऐतिहासिक प्रारुप फोनीशियन
Material type: TextPublication details: नई दिल्ली शिवांक प्रकाशन 2022Description: 240p. + (THROUGHOUT B/W ILLUSTRATIONS)ISBN: 9789387774360Subject(s): वेदास | फोनिशियन | ग्रीक पुराकथाए | वैदिक इन्द्रDDC classification: 231:7.032(394)Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Books | NIH Rorkee Library | 231:7.032(394) उ 5 वै (Browse shelf (Opens below)) | Available | 12328 |
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218 S96T The immortal kural | 2-23S G39S Sanshipt Shivpuran | 23 M15H Hindusim: Its contribution to science and civilisation | 231:7.032(394) उ 5 वै वैदिक पणि जन और उनके ऐतिहासिक प्रारुप फोनीशियन | 233.852.5 I6Y Yoga: The path to holistic health | 233-265.34 ति52गी गीता रहस्य (Geeta Rahasya) | 233-265.34 ति52गी गीता रहस्य (Geeta Rahasya) |
वैदिक जानो द्वारा पोष्य बनाया गए अशव का पूर्ववर्ती खर है, जिसे वैदिक शब्दावली मे रसभ खा गया है| अशव के साथ रसभ का रथ मे प्रयोग ऋग्वेद मे बहूल्लिखित है| ऋगवैदिक देव परिवार मे, प्रजापति, रूद्र, इंद्र, सूर्य, विष्णु, वरुण, मरुँत, आशिव्दय, पूषा, यमवैवस्वत, ब्रहस्पतिआदि के सत देवियों मे अदिति, उषस, रीती, राकादी और "तिस्त्रो देव्य" के अंतर्गत इला, सरस्वती और भारती देवियाँ स्मृत है |
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