राजयोग : (पांतजल - योगसूत्र, सूत्रार्थ्र और व्याख्या सहित)
Material type: TextPublication details: दिल्ली अर्चना पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स 2022Description: 222pISBN: 9789383964093Subject(s): मनोविज्ञान | योगसूत्रDDC classification: 2-583Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Books | NIH Rorkee Library | 2-583 वि86रा (Browse shelf (Opens below)) | Checked out | 03/01/2024 | 12350 |
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ऐतिहासिक जगत के प्रारंभ से लेकर वर्तमान काल तक मानव समाज मे अनेक अलौकिक घटनाओ के उल्लेख देखने को मिलते है | आज भी, जो समाज आधुनिक विज्ञान के भरपूर आलोक मे रह रहे है, उनमे भी एसी घटनाओं की गवाही देनेवाले लोगो की कमी नहीं| पर हाँ, इसे प्रमाणों मे अधिकांश विशवास योग्य नहीं, क्योंकि जिन व्यक्तियों से एसे प्रमाण मिलते है, उनमें से बहुतेरे अज्ञ है, कुसंस्कारच्छ है अथवा धूर्त है |
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