ज्ञानयोग
Material type: TextPublication details: नई दिल्ली शिवांक प्रकाशन 2022Description: 256pISBN: 9789383964109Subject(s): माया और इश्वर | अपरोश्रानुभूति | अमरत्व | बरह्मा और जगतDDC classification: 130.11YItem type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Books | NIH Rorkee Library | 130.11Y वि 86 ज्ञा (Browse shelf (Opens below)) | Available | 12351 |
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111=214.21:808.56 C27E English -Hindi Coversation Guide | 130.2.001 G96I Integrated development plan for India: Goal, tools and strategies | 130.11:611Y श 33 यो योगासन और शरीर विज्ञान | 130.11Y वि 86 ज्ञा ज्ञानयोग | 130.11Y श 33 यो योग दर्शन एवं स्वास्थ्य | 133.529:001.101 K54C Can knowledge improve forecasts? | 133.529:001.101 K54C Can knowledge improve forecasts? |
स्वामी विवेकानन्द का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। उनका जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता के एक कुलीन एवं धार्मिक बंगाली परिवार में हुआ था। उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज से अपनी शिक्षा पूर्ण की। वे महान् संत ही नहीं, अपितु देशभक्त, वक्ता, विचारक एवं महान् लेखक भी थे। अंत में 04 जुलाई, 1902 को उन्होंने ध्यानावस्था में महासमाधि ले ली। स्वामी विवेकानंद के ज्ञानयोग सम्बन्ध्ति व्याख्यान, उपदेशों तथा भाषणों को ‘ज्ञानयोग’ पुस्तक में संकलित किया गया है। इस पुस्तक में स्वामी जी के मायावाद, मनुष्य का यथार्थ व प्राकृत स्वरूप, माया और मुक्ति, ब्रह्म और जगत्, आत्मा का मुक्त स्वभाव आदि नामों से उनके द्वारा दिए गए भाषणों का संकलन है।
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