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भारत मे अपराधशास्त्र एवं दण्डशास्त्र की अवधारणा (Bharat mai Apraadhshastra evam DandShastra ki avdharna)

By: तिवारी,संजयMaterial type: TextTextPublication details: दिल्ली शिवांक प्रकाशन 2022Description: 236pISBN: 9789383980901DDC classification: 343.9(540)
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343.9(540) ति54भा (Browse shelf (Opens below)) Available 12912

अपराधशास्त्र अपराध से अपराधी तक पहुँचने का मार्ग बताता है।पुस्तक के इस नवनीतम संस्करण में लेखक ने पूर्णतया संशोधित रूप में खुले शब्दों में समाज के भीतर व्याप्त घिनौने अपराधों, उनके लिए निर्धारित दण्डों तथा हमारी कानूनी व्यवस्था को भी चित्रित किया है।हत्या और बलात्कार जैसे न जाने कितने हि ओर ऐसे मामलों को दिया गया है जिनसे यह साबित होता है कि कभी-कभी कानूनी खामियों के रहते अपराधी किस तरह बच निकलते हैं।
पुस्तक के इस नवीनतम संस्करण के अंतर्गत लहकने कई अतिरिक्त अध्यायों को देते हुए उन्हें दो भागों में विभाजित कर दिया है। प्रथम भाग का शीर्षक अपराध शास्त्र है और द्तीय भाग का दण्डशास्त्र।उसने आज के समय कि ज्वलंत समस्याओं से संबंधित विषयों पर प्रकसाह डाला है। उदाहरण के लिए महिलाओं कि 'घरेलू हिंसा कि सुरक्षा', 'मानवाधिकार, पुलिस और जेल प्रशासन', दहेज-मृत्यु, बाल-विवाह निषेध कानून, 2006 तथा अपराधियों के बच निकालने के कारण, दण्ड के विभिन्न प्रकार, इत्यादि पर प्रकाश डाला है।
प्रस्तुत पुस्तकविधि-छात्रों, विधिवेत्ताओं, न्यायिक अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, प्रयोगशाला विशेषज्ञ, अपराधी एवं अपराध से व्यथितत था कुंठित सभी व्यक्तियों के लिए समान रूप से उपयोगी है।विषय का प्रस्तुतीकरण इस्तनी सरल भाषा-शैली में किया गया है कि इसमें निरंतर रोचकता और आकर्षण बना रहता है।

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