भारतीय आयुर्वेदीय भेषजसंहिता : भाग -II, खण्ड- II (The ayurvedic pharmacopoeia of India)
Material type: TextPublication details: नई दिल्ली आयुष विभाग 2011Description: xli, 409pISBN: 9788190648950Subject(s): आयुर्वेद, योग- प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिध्द एवं होम्योपैथी (आयुष) विभाग | आयुर्वेद- अवलेह | आयुर्वेद -घृत | आयुर्वेद- गुग्गुलु | आयुर्वेद- चूर्णDDC classification: 615.3Item type | Current library | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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G Series Books | NIH Rorkee Library | 615.3 आ99भा (Browse shelf (Opens below)) | 1 | Available | G1267 | |
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भारतीय आयुर्वेर्दीय भेषज संहिता, भाग-II(औषध एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के अन्तर्गत ) की गुणवत्ता के मानको का वैधानिक प्रलेख है | इस खंड मे मिश्रित मोनोग्राफ मे परिभाषा, औषध योग मे उनका अनुपात का वर्णन किया है| इसमें निर्माण विशी एवं उत्पाद की व्याख्या भी वर्णित है | उत्पादों की पहचान के लिए घटक द्रव्यों का सूक्ष्मदर्शिक विवेचन, थीन लेयर क्रोमेटोग्राफी (टीएलसी ) एवं रसायनिक परीक्षणों का विवेचन है | मोनोग्राफ के व्हूतिक-रसायनिक पैरामीटर मे शुष्क करने पर हानि, कुल भस्म, एल्कोहल विलय निस्सारक, जल विलय निस्सारक, pH वैल्यू इत्यादि तथा योगो के चिकित्सीय उपयोग, प्रतिदिन की मात्र अनुपान सहित उल्लिखित है |
इस खंड के परिशिष्ट मे परिक्षण की विधियों के साथ-साथ विभिन्न मानको के निर्धारण मे प्रयुक्त प्रोतोकोलो का विस्तृत वर्णन किया है | पर्त्येक मोनोग्राफ मे उल्लिखित आयुर्वेदीय मानको की प्रमानिकिता के लिए आयुवेर्दीय साहित्य के संदर्भो को मूल रूप मे रखा है | परिशिष्ट मे शोधन इत्यादि की विधियों एवं आयुर्वेदीय परिभाषाओ का वर्णन भी किया है | यह पुस्तक आयुर्वेदीय औषध योगो के मंकिकर्ण से संबंधित औषध निर्माताओ, वैज्ञानिको, अध्यपको वाम अध्येताओ के लिए अति उपयोगी है |
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